उत्तराखण्ड

hindi news portal lucknow

LAC पर तनातनी के बीच अब उत्तराखंड के अस्थायी शेल्टर को लेकर बौखलाया ड्रैगन

05 Jun 2020 [ स.ऊ.संवाददाता ]

नयी दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनातनी के बीच अब चीन ने उत्तराखंड की तरफ भी विरोध करना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के लिपुलेख के पास बनाए गए एक अस्थायी स्ट्रक्चर को लेकर अब चीन ने आपत्ति दर्ज कराई है। जबकि यह शेल्टर भारतीय सीमा में ही बनाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस शेल्टर को मानसरोवर यात्रियों को मौसम और इलाके की सीमाओं से सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में भारत ने लिपलेख तक जाने वाली एक सड़क का उद्घाटन किया था जिसके बाद से चीन ने अस्थायी शेल्टर पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया। इस घटनाक्रम से बाद से ही दोनों तरफ सैनिकों की पेट्रोलिंग भी बढ़ गई है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अस्थायी शेल्टर को यात्रियों और व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिस पर चीन आपत्ति दर्ज कर रहा है। इस मामले पर एक अधिकारी ने कहा कि चीन सीमा से करीब 800 मीटर दूर बनाए गए अस्थायी शेल्टर पर सवाल उठा रहा है जबकि खुद चीन सीमा से करीब 200 मीटर की दूरी पर इलैक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स लगाए हुए है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब से सीमा के पास भारत ने विकास का कार्य शुरू किया है तब से चीन किसी न किसी मुद्दे को लेकर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। इतना ही नहीं चीन तो उन इलाकों पर भी सवाल उढ़ा रहा है जिनको लेकर कभी विवाद था ही नहीं। हालांकि बताया जा रहा है कि चीन की इन हरकतों के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं।



hindi news portal lucknow

UP के बाद उत्तराखंड ने भी अपने छात्रों को कोटा से लाया वापस

21 Apr 2020 [ स.ऊ.संवाददाता ]

ऋषिकेश। राजस्थान के कोटा में विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले उत्तराखंड के 360 से अधिक छात्रों को सोमवार को वापस लाकर उनके घरों को भेज दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट बी एस बुधियाल ने कहा कि कुल 362 छात्रों को सोमवार को कोटा से लाया गया और मेडिकल टीमों द्वारा उनकी थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ठीक तरह से संक्रमणमुक्त की गई बसों में उनके घर भेज दिया गया।उन्होंने कहा कि छात्रों को उनके माता-पिता और अभिभावकों को सौंपा गया और उन्हें 14 दिन तक घरों पर पृथक रखने की सलाह दी गई। अधिकारी ने कहा कि मेडिकल टीमें नियमित अंतराल पर उनकी जांच करेंगी।



hindi news portal lucknow

अयोध्या में राम मंदिर तभी बन पायेगा जब उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आयेगी: हरिश रावत

18 Jan 2019 [ स.ऊ.संवाददाता ]

देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरिश रावत ने कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसके पास कोई नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर तभी बन पायेगा जब उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आयेगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘भाजपा बेईमान लोगों की पार्टी है जिन्हें न नीतियों और न मर्यादा की परवाह है, वे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के भक्त कैसे हो सकते हैं।’ ऋषिकेश में रावत ने पत्रकारों से कहा, ‘हमलोग नीतियों और संविधान में आस्था रखते हैं। अयोध्या में राम मंदिर तभी बन पायेगा जब कांग्रेस (केंद्र में) सत्ता में आयेगी। यह पक्की बात है।’भाजपा पर कर्नाटक में सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा किसी भी कीमत पर, धन-बल का प्रयोग कर और प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग जैसी एजेंसियों को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर विरोधी पार्टियों को सत्ता से हटाना चाहती है।’ रावत ने विश्वास जताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सभी 27 सीटों पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा, ‘भाजपा कर्नाटक में जो खेल खेल रही है, उसकी कीमत उसे लोकसभा चुनाव में चुकानी पड़ेगी, जब जनता सभी 27 सीटों पर कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को जिताकर उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी।’



hindi news portal lucknow

उत्तराखंड के तीन जिलों में फटा बादल, घरों में घुसा मलबा; अगले 24 घंटे पड़ सकते हैं भारी

01 Jun 2018 [ स.ऊ.संवाददाता ]

पिथौरागढ़: भले ही उत्तराखंड में मानूसन पहुंचने में अभी वक्त है, लेकिन इससे पहले ही मौसम डराने लगा है। पर्वतीय इलाकों में हुई जोरदार बारिश से कई जगह सड़कों पर मलबा आ गया। कुमाऊं के नैनीताल और गढ़वाल के टिहरी जिले में बादल फटने से नदी-नाले उफान पर आ गए और कई जगह खेतों में मलबा भरने के साथ ही घरों में भी पानी घुस गया। दूसरी ओर पिथौरागढ़ में गोरी नदी में आए उफान से स्थानीय गांवों को जोडऩे वाला मार्ग बंद हो गया है। मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे करीब आठ घंटे बंद रहा।

शुक्रवार को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम तल्ख रहा। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में बादल फटने से बरसाती नदी-नाले उफना गए। इससे खेतों में मलबा भरने के साथ ही एक जगह घराट (पनचक्की) बह गई। कुछ गांवों का संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गया और पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। पौड़ी के थलीसैंण क्षेत्र में दो गोशाला बह गईं। इसमें चार मवेशियों की मौत हो गई।

उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री के प्रमुख पड़ाव बड़कोट के पास उफनती बरसाती नदी को पार करते हुए तीन बच्चे बह गए, इनमें से दो को बचा लिया गया, लेकिन एक बच्ची को पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा बदरीनाथ के पास हाईवे पर आठ जगह मलबा आ गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद यातायात सुचारु किया। दूसरी ओर कुमाऊं में नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लाक में बादल फटने से कटमी गजार गांव में खासा नुकसान हुआ। मुसकीत गदेरे (बरसाती नदी) में उफान आने से घरों में पानी घुस गया और खेत मलबे से पट गए।

जिला पंचायत सदस्य पीसी गोरखा ने बताया कि क्षेत्र को रामनगर से जोडऩे वाला मार्ग भी मलबा आने से बंद है। मल्लीसेठी गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। इसके अलावा पिथौरागढ़ के जौलजीवी में करीब डेढ़ घंटे जबरदस्त बारिश से गोरी नदी में उफान आ गया। इससे एक दर्जन दुकानों और मकानों में मलबा घुस गया। इसके अलावा निकटतम कस्बा लखनपुर से जोडऩे वाला मार्ग भी बंद है। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी मार्ग खोलने में जुटे हैं। सुबह नैनीताल में भी बादल जमकर बरसे। कई जगह ओले गिरने के भी समाचार हैं।

उत्तराखंड में मौसम के तेवर फिलहाल बदले ही नजर आएंगे। मौसम विभाग ने इसके लिए बाकायदा चेतावनी जारी की है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार इस दौरान देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। चेतावनी को देखते हुए शासन ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।



hindi news portal lucknow

हिमाचल में भीषण हादसा: पूरा कस्बा और दो बसें मलबे की चपेट में, कई दर्जन लापता

13 Aug 2017 [ स.ऊ.संवाददाता ]

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जोगेंंदरनगर के समीप पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर रात करीब एक बजे कोटरूपी के पास भारी भूस्खलन हुआ। पूरी पहाड़ी धसने से पूरा कोटरूपी कस्बा और दो बसें मलबे की चपेट में आ गई है। हादसे में फिलहाल सात यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है जबकि कई लोग दबे हैं।

कोर्टरूपी में दो बसें रात को चाय पानी के लिए रुकी थीं। जैसे ही पहाड़ी धसी तो दोनों बसें भूस्खलन की चपेट में आ गईं। कटड़ा मनाली रुट पर जा रही बस में करीब सात यात्री सवार थे जिनमें से दो की मौत हुई है। बस में एक बच्ची फंसी हुई है। वहीं चम्बा मनाली रूट की बस में से करीब 15 मिनट पहले बचाओ बचाओ की आवाजें आ रही थीं जो अब आना बंद हो गई हैं।अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बस में कई यात्री सवार थे जिनकी मौत हो गई है। भारी बारिश के कारण आए मलबे व पानी से यह बस करीब एक किलोमीटर नीचे बाह गई है। भारी बारिश व अंधेरा होने के कारण प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य रोक दिया है।मंडी पठानकोट मार्ग पर वाहनो की आवाजाही मंडी व जोगेन्द्रनगर में रोक दी गई है ताकि एम्बुलेंस मौके के लिए रवाना हो सकें। हादसा रात एक बजे के आसपास हुआ। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की ओर से तमाम आला अधिकारी मौके की तरफ रवाना हो गए हैं।



hindi news portal lucknow

बदरीनाथ हाईवे बहा, रास्ते में फंसे 550 तीर्थयात्री

12 Jul 2017 [ स.ऊ.संवाददाता ]

मूसलाधार बारिश से लामबगड़ में गदेरे के उफान पर आने से बदरीनाथ हाईवे का बीस मीटर हिस्सा अलकनंदा में समा गया। लामबगड़ भूस्खलन क्षेत्र में लगातार चट्टान से पत्थर और मलबा हाईवे पर गिर रहा है। हाईवे बंद होने से पांडुकेश्वर में 200, लामबगड़ में 100 और बदरीनाथ में 150 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।

वहीं देर शाम पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने बदरीनाथ की यात्रा कर लौट रहे करीब 100 तीर्थयात्रियों को आगे जाने से रोक दिया। उन्हें गोविंदघाट गुरुद्वारे में ठहराया गया है। दिनभर रुक-रुककर हुई बारिश से हाईवे खोलने का काम भी शुरू नहीं हो पाया। बीआरओ ने बृहस्पतिवार तक हाईवे खोलने का दावा किया है।

मंगलवार रात को तेज बारिश के दौरान लामबगड़ भूस्खलन क्षेत्र में मलबा और बोल्डर आने से बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया था। बुधवार को भी बारिश होने से हाईवे खोलने का काम शुरू नहीं हो पाया। हाईवे न खुलने से पांडुकेश्वर से करीब 30 तीर्थयात्री लामबगड़ से करीब तीन किमी पैदल चले और फिर वाहन से बदरीनाथ धाम पहुंचे।



hindi news portal lucknow

चार मिनट तक भारतीय सीमा के अंदर मंडराता रहा चीनी हेलीकॉप्टर

04 Jun 2017 [ स.ऊ.संवाददाता ]

भारत-चीन सीमा के नजदीक उत्तराखंड के चमोली जिले के बराहोटी इलाके में शनिवार को भारतीय आकाश में एक संदिग्ध चीनी हेलीकॉप्टर उड़ता दिखा। अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चमोली पुलिस अधीक्षक तृत्ति भट्ट ने बताया कि सुबह सवा नौ बजे एक हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा का उल्लंघन करके बराहोटी क्षेत्र के उपर उड़ता दिखा। यह लगभग चार मिनट तक भारतीय सीमा के अंदर रहा।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। हालांकि हम यह नहीं कह सकते कि उल्लंघन टोह लेने के उद्देश्य से जानबूझकर किया गया या यह अनजाने में हो गया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घटना का ब्योरा पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।

भारतीय क्षेत्र में हेलीकॉप्टर घुसने का यह पहला मौका नहीं है। वर्ष 2014 में भी इसी इलाके में चीन का विमान देखा गया था। इसके बाद जुलाई 2016 में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर चमोली सुर्खियों में रहा था। क्षेत्र के निरीक्षण को गई राजस्व टीम से चीनी सेना का सामना हुआ था।



hindi news portal lucknow

PM मोदी ने किया बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक

03 May 2017 [ स.ऊ.संवाददाता ]

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बुधवार सुबह 8.50 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट छह महीने के लिए खोल दिए गए। हर-हर भोले, बम-बम भोले के जयकारों के बीच करीब चार हजार श्रद्धालु इसके साक्षी बने। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान के ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए।

भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए सुबह छह बजे से ही देश-विदेश से आए श्रद्धालु मंदिर परिसर में लाइन में खड़े हो गए थे। रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में कपाट खोले गए। नियत समय पर ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए। सुबह 9.10 बजे प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर केदारनाथ पहुंचा। प्रधानमंत्री एटीवी से अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ मंदिर के लिए चले। मंदिर से करीब 30 मीटर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एटीवी कार से उतर गए और पैदल मंदिर परिसर में पहुंचे। 9.31 बजे उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया। उनके अंदर जाते ही पूजा शुरू हुई।

इस वर्ष केदारनाथ मंदिर में कपाट खुलने के बाद गर्भगृह में दर्शन करने वालों में पीएम मोदी सबसे पहले व्यक्ति हैं। ऐसा करने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री ने करीब आधे घंटे तक भगवान की पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री इस बार केदारनाथ के पहले दर्शनार्थी बने। उन्होंने एकांत में बैठक भगवान की पूजा की। 10.30 बजे मंदिर परिसर में बदरी केदार मंदिर समिति और रावल ने पीएम को केदारनाथ की लकड़ी की बनी प्रतिकृति भेंट की।

इसके साथ ही गोमुख की सत्तर साल पुरानी फोटो, शाल, रुद्राक्ष की माला भी प्रधानमंत्री को भेंट की गई। कंडी में रोट का प्रसाद भी प्रधानमंत्री को दिया गया। 10.40 बजे के बाद आम श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत भी प्रधानमंत्री के साथ कपाट खुलने के मौके पर मंदिर में मौजूद रहे।

27 साल बाद कोई पीएम पहुंचा केदारनाथ

केदारनाथ। 27 साल बाद कोई प्रधानमंत्री भगवान केदारनाथ के मंदिर में पहुंचा। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और विश्वनाथ प्रताप सिंह केदार बाबा के दरबार में पहुंचे थे। हालांकि नरेंद्र मोदी आम श्रद्धालु के तौर पर इससे पहले भी कई बार केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आ चुके हैं।



hindi news portal lucknow

उत्तराखंड में मोदीः आज खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, पीएम बनेंगे साक्षी

03 May 2017 [ स.ऊ.संवाददाता ]

आज केदारनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस खास पल के साक्षी बनेंगे। वे भी यहां पूजा अर्चना करेंगे। इसके अलावा ढाई हजार से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच गए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए मंदिर को दस कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। इस बीच शाम को उत्सव डोली भी केदारनाथ पहुंच गई। वैदिक मंत्रोच्चारण और पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर के कपाट बुधवार सुबह 8.50 पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री के आगमन के तहत सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। केदारनाथ को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के साढ़े चार सौ जवान तैनात किए गए हैं। मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का काम पूरा करने के साथ ही प्रवचन हाल एवं प्री-फ्रेबिकेटेड हटों दुरुस्त कर लिया गया है।

एमआई-17 से केदारनाथ मंदिर पहुंचेंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 7.25 बजे पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे और एमआई -17 से केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेंगे। जौलीग्रांट पर राज्यपाल डॉ. केके पॉल व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जबकि केदारनाथ में प्रोटोकॉल मंत्री डा. धन सिंह रावत उनकी आगवानी करेंगे। मोदी सुबह 8.50 बजे केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर लगभग एक घंटे तक पूजा-अर्चना करेंगे। वहां से वे पूर्वाह्न 11.35 बजे हरिद्वार स्थित पंतजलि योग पीठ पहुंचेंगे और एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यहां कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज उनकी आगवानी करेंगे। पतंजलि में भी वे लगभग एक घंटा रहेंगे। दोपहर 12.40 बजे मोदी हरिद्वार से सीधे दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। जौलीग्रांट एयर पोर्ट, केदारनाथ और हरिद्वार पंतजलि में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

इस सीजन के पहले दर्शनार्थी हो सकते हैं प्रधानमंत्री

केदारनाथ धाम में 3 मई को 8 बजकर 50 मिनट पर मंदिर के कपाट खुलने हैं जबकि 8 बजकर 50 मिनट से 9 बजकर 50 मिनट तक प्रधानमंत्री को मंदिर में विशेष पूजा करनी है। यदि प्रधानमंत्री समय पर केदारनाथ पहुंचे तो इस यात्रा सीजन में वह केदारनाथ धाम के दर्शन करने वाले पहले तीर्थयात्री भी होंगे। हालांकि इससे पहले विधि-विधान से मंदिर के कपाट खुलने की रश्म अदा की जाएगी।

12 कुंतल फूलों से सजा केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार सुबह 8:50 बजे खुलेंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली हैं। केदारनाथ मंदिर को 12 कुंतल फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा इंतजाम जांचने के लिए एसपीजी की एक टीम पहले ही केदारनाथ धाम पहुंच गई है। प्रधानमंत्री के दौरे के चलते कपाट खुलने के मौके पर यात्रियों को दर्शन करने में कोई दिक्कत न हों, इसके लिए बीकेटीसी की ओर से तैयारियां की गई हैं।



hindi news portal lucknow

ढाई सौ करोड़ के हाईवे घोटाले की होगी सीबीआई जांच, केंद्र को भेजी सिफारिश

27 Mar 2017 [ स.ऊ.संवाददाता ]

ऊधमसिंहनगर में एनएच -74 घपले में छह पीसीएस अफसरों को निलंबित करने के बाद उत्तराखंड सरकार ने मामले में सीबीआई से जांच के आदेश करते हुए इसकी सिफारिश केंद्र को भेज दी है। घपले के सभी दस्तावेज सील कर अब सीबीआई को सौंपा जाएंगे।

बता दें कि कुमाऊं कमिश्नर डी सैंथिल पांडियन के प्रारंभिक जांच में करीब ढाई सौ करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ। अभी घपला और ज्यादा पहुंचने की आशंका है। राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर छह पीसीएस अफसरों को निलंबित कर दिया है, जबकि सातवां पीएसएस अफसर रिटायर हो चुका है। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि शासन ने केंद्र को मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भेज दी है।

ये है मामला

वर्ष 2011 से 2016 तक यूएसनगर के चार तहसीलों जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में कृषि भूमि के लैंडयूज बदलने में वहां तैनात एसडीएम, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलईओ), सब रजिस्ट्रार कार्यालय, एनएच प्राधिकरण के अफसरों ने काश्तकारों के साथ मिलीभगत कर राज्य के सबसे बड़े भूमि घोटाला को अंजाम दिया। बैकडेट में जमीनों का लैंडयूज बदलने के साथ ऐसी जमीन को भी अकृषक दिखा दिया, जिसमें फसल की पैदावार है।

ये पीसीएस अफसर हुए थे निलंबित

सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, एडीएम अल्मोड़ा

जगदीश लाल. एडीएम चमोली

भगत सिंह फोनिया

एनएस नगन्याल, एसडीएम नैनीताल

दिनेश प्रताप सिंह ,एसएलईओ यूएसएनगर

अनिल कुमार शुक्ला ,एसएलईओ यूएसनगर

एक पीसीएस अफसर रिटायर

घपले में शामिल एक पीसीएस अफसर हिमालय सिंह मर्तोलिया जनवरी, 17 में रिटायर हो चुके हैं। यूएसनगर में तैनाती के दौरान मर्तोलिया पर जमीन घपले में शामिल होने का आरोप है। अब इनकी पेंशन रूकने पर संकट खड़ा हो गया है। इसके साथ ही उनसे घपले की राशि वसूली भी हो सकती है।

खास बातें

29 मामले आ चुके हैं अब तक सामने

240 करोड़ का हो चुका है खुलासा

300 करोड़ से ज्यादा घपला होने की आशंका



12345678910...