खट्टर के आश्वासन के बाद भी हरियाणा में गेहूं की खरीद को लेकर किसान परेशान
चंडीगढ़। हरियाणा में अगले कुछ दिनों में गेहूं की कटाई शुरू होने वाली है और प्रदेश के चिंतित किसान चाहते हैं कि कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच उनकी उपज की खरीद से पहले राज्य सरकार इसके भंडारण में मदद करे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को किसानों को आश्वासन दिया कि उनके सभी अनाज की खरीद की जाएगी, हालांकि इसमें कुछ देरी होगी। लेकिन किसान इसके बाद भी आशंकित हैं।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह ने फोन पर कहा, ‘‘ गेहूं की कटाई पांच अप्रैल से शुरू होगी, जबकि सरसों की कटाई शुरू हो चुकी है। हमारे पास इन फसलों के भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार को बोरियों और तिरपाल की व्यवस्था करनी चाहिए। सामान्य दिनों में किसान अपनी उपज खेतों से सीधे मंडियों में ले जाते हैं। ” टेलीविजन के जरिए राज्य के लोगों को दिए अपने संबोधन में खट्टर ने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने उनके हर एक अनाज को खरीदने के लिए तंत्र तैयार किया है, हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ देरी हो सकती है। 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी बंद के साथ मुख्यमंत्री ने कहा, “जैसा हम जानते हैं कि 14 अप्रैल तक खरीद संभव नहीं है, हमने खरीद की तारीखों में बदलाव किया है। 15 अप्रैल से सरसों की खरीद की जाएगी, जबकि गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से की जाएगी। अगर उस समय तक स्थिति सामान्य हो गयी तो हम उन तारीखों पर अपनी खरीद शुरू कर देंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सरसों और गेहूं की पकी फसलें खेतों में नहीं छोड़ी जा सकतीं और ऐसे में किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में, जितना संभव हो सके उपज का भंडारण करें। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड जैसी राज्य एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपज के भंडारण में किसानों की सहायता करें। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री खट्टर को एक पत्र लिखकर उपज की खरीद में देरी के मद्देनजर किसानों को होने वाली समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया। शैलजा ने कहा कि राज्य सरकार को किसानों के लिए चौबीस घंटे काम करने वालाहेल्पलाइन स्थापित करना चाहिए जहां उनकी सभी चिंताओं को दूर किया जा सके। उन्होंने फसलों पर लिए गए ऋण को माफ करने की मांग करते हुए यह भी कहा कि किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए।
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हरियाणा के मंत्री विज ने कहा, सभी देशवासियों के लिए संघ में जाना अनिवार्य हो
अंबाला। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अक्सर अपने विवादित बयानों व ट्वीट के कारण चर्चा में रहने वाले विज ने अब कहा है कि सभी देशवासियों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्हाेंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार करने को स्वागतयोग्य कदम बताया है।
विज ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आरएसएस के कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार कर बहुत अच्छा काम किया है। आरएसएस राष्ट्रवादी और चरित्र निर्माण करने वाला संगठन है, इसलिए सभी देशवासियों के लिए इसमें कुछ समय के लिए जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
अनिल विज ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर चुटकी लेते हुए कहा कि हुड्डा खुद ही अपने खिलाफ बयान दे रहे हैं। विज ने बोले, हुड्डा ने कहा था कि इस बार बागड़ का न होकर कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनेगा। विज ने कहा कांग्रेस कई धड़ों में बंटी हुई है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'इस दिल के टुकड़े हज़ार हुए, कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा, बहते हुए आंसू रुक न सके कोई यहाँ गिरा कोई वहां गिरा।'
अशोक तंवर की साइकिल यात्रा पर विज ने कहा कि नहीं चल सकती इनकी साइकिल यात्रा। विज ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा विदेश दौरे पर जाने से पूर्व किए ट्वीट पर भी तंज कसा। विज ने कहा, राहुल ने ट्वीट किया है कि 'मै जल्दी लौटूंगा'। उनके बाहर जाने से हिंदुस्तान की राजनीति नीरस हो जाती है, इसलिए वह बोलकर गए है कि जल्दी लौटेंगे।
बता दें कि कुछ दिन पहले विज ने राहुल गांधी की तुलना निपाह वायरस से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी निपाह वायरस की तरह हैं। उनके संपर्क में जो पार्टी आएगी खत्म हो जाएगी। विज इससे पहले भी राहुल गांधी पर निशाना साधते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने राहुल गांधी को उनके ननिहाल को लेकर ताना दिया था। अनिल विज ने कहा था कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी निपाह वायरस के समान हैं। वह जिस पार्टी में संपर्क में आएंगे, वह समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को लगभग समाप्त कर ही दिया है, अब अपने संपर्क में आने वाली पार्टियों का ऐस ही हाल करेंगे।
अनिल विज ने मंगलवार को कहा था कि अभी विपक्षी पार्टियां एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं और राहुल गांधी की कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की तैयारी में हैं, लेकिन वे खुद समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरे्रद्र मोदी की सुनामी चल रही है और इसमें कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियां बह जाएंगी।
अनिल विज इससे पहले भी को राहुल गांधी पर हमला करते रहे है। विज ने एक बार ट्वीट कर कहा था कि राहुल गांधी दिमाग से बिल्कुल खाली हो गए हैं। राहुल नानी के घर गए थे लेकिन वहां जाकर भी उनका दिमाग ठीक नहीं हुआ।
उन्होंने ट्वीट में लिखा है, 'राहुल गांधी का तो नानी के घर जाकर भी दिमाग ठीक नहीं हुआ।' विज यहीं नहीं रुके। उन्होंने इसके बाद एक आैर ट्वीट किया और इसमें लिखा कि ' हिंदुस्तान उम्मीद कर रहा था कि नानी के घर जाकर वह बुद्धि लेकर आएंगे लेकिन लगता है कि वहां से खाली हाथ आ गए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
अनिल विज ने कहा कि इस घटना से पूरा देश गुस्से में है और देशभर में लोग इसकी निंदा कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता इस पर भी राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस हमेशा की तरह आतंकवादी घटनाओं पर राजनीति कर रही है। कश्मीर में आतंकवाद की समस्या का कारण कांग्रेस ही है। विज ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी को सारे देश के सामने हाथ जोड़कर और कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए।
इससे पहले अनिल विज ने कर्नाटक विधानसभा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा था। विज ने कहा था कि कर्नाटक चुनाव में राहुल गांधी को फेल होता देख अब कांग्रेस की ओर से मनमोहन सिंह जैसे थके हुए इंजन को प्रचार में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि मनमोहन अपने शासन के समय में कुछ नहीं बोले, लेकिन अब बोल रहे हैं। इसका कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है।
विज ने मनमोहन सिंह को अपनी भाषा पर संयम रखने की सलाह दी थी। विज ने मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था। इसके साथ ही विज ने कहा था कि राहुल गांधी आजकल सर्कस कर रहे हैं, जो कभी साइकिल पर चढ़ जाते हैं तो कभी उनका जहाज डगमगा जाता है।
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हत्या मामले में राम रहीम के खिलाफ खट्टा सिंह गवाही देने को तैयार, कहा- खोलूंगा पोल
पत्रकार छत्रपति साहू और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामलों में पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में गुरमीत राम रहीम को शनिवार को रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया। मामले में सीबीआइ वकील एचपीएस वर्मा और बचाव पक्ष के वकील एसके गर्ग के बीच बहस हुई। इस बीच, मामले में डेरे का पूर्व सेवादार खट्टा सिंह फिर से राम रहीम के खिलाफ गवाही देने को तैयार हो गया है। खट्टा सिंह ने गवाही देने के लिए कोर्ट में अपील दायर की है। उसी दिन कोर्ट तय करेगा कि खट्टा सिंह को गवाही देनी है या नहीं। कोर्ट ने छत्रपति मामले की सुनवाई 22 सितंबर तक टाल दी है, जबकि रणजीत हत्याकांड में सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
खट्टा सिंह ने बताया कि आज सुनवाई के दौरान राम रहीम हाथ जोड़े खड़ा रहा। वह काफी हताश और निराश था। खट्टा के मुताबिक पहले और अब में राम रहीम में बहुत फर्क नजर आया। जो राम रहीम पहले नाचता था वह अब सहमा नजर आया।
आज दोनों हत्याओं के मामले में सात अन्य आरोपी निर्मल सिंह, कृष्ण लाल, कुलदीप, अवतार सिंह, जसबीर, सबदिल और इन्द्रसेन को भी अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के मद्देनजर रोहतक, पंचकूला सहित राज्यभर में सुरक्षा कड़ी रही। रोहतक में सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा 15 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। साथ ही अर्धसैनिक और पुलिस के जवान पेशी के दौरान संदिग्ध लोगों पर विशेष नजर रख रहे हैं।
बता दें, पत्रकार छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामलों में आज फाइनल बहस हुई। रोहतक जेल में यह पहला मौका था जब किसी कैदी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा के नए गृह सचिव एसएस प्रसाद, पुलिस महानिदेशक बीएस संधू, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक और पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ बैठक की।
गृह सचिव व डीजीपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए कदमों की जानकारी दी। राज्य में अभी 33 कंपनियां अद्र्धसैनिक बलों की तैनात हैैं। गुरमीत राम रहीम की पेशी के बाद फिर से सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होगी। उसके बाद पंचकूला, सिरसा और रोहतक जिलों को छोड़कर बाकी जिलों से अद्र्धसैनिक बलों की कंपनियों को वापस भेजा जा सकता है।
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की। वहीं 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सचÓ के संपादक रामचंद्र छत्रपति को पांच गोलियां मारी गई थी, जिसके बाद 21 नवंबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई।
बताया जाता है कि अपने अखबार में साध्वी यौन शोषण मामले को उठाने पर ही रामचंद्र छत्रपति की हत्या की गई। जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की। इसके बाद हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्याकांड की सुनवाई एक साथ करते हुए 10 नवंबर 2003 को सीबीआइ को एफआइआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए। दिसंबर 2003 में सीबीआइ ने छत्रपति व रणजीत हत्याकांड में जांच शुरू की। डेरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच पर रोक की मांग की। नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेरे की याचिका खारिज कर दी।
गुरमीत राम रहीम की पेशी भले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई, लेकिन पंचकूला स्थित सीबीआइ कोर्ट की सुरक्षा कड़ी रही। पंचकूला कोर्ट में हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री को तैनात किया गया है। राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा सुनाने वाले जज जगदीप सिंह ने ही रणजीत सिंह व रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड की सुनवाई की।
रोहतक के एसपी पंकज नैन ने कहा कि गुरमीत राम रहीम की पेशी को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। अगर किसी भी व्यक्ति ने कानून तोडऩे का प्रयास किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिले की सभी सीमाओं पर वाहनों की जांच के साथ-साथ संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी शुरू कर दी है।
साध्वी रेप केस में जेल में कैद राम रहीम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दरअसल खट्टा सिंह ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत वह बाबा के कई रहस्य खोलेगा। बता दें कि राम रहीम के ड्राइवर रह चुके खट्टा सिंह ने सरकारी गवाह बनने का फैसला लिया है। उसने वकील के जरिए सीबीआई कोर्ट में खट्टा सिंह ने गवाही के लिए एप्लीकेशन दाखिल की है। ये वही खट्टा सिंह है, जो 2012 में राम रहीम के खिलाफ गवाही से पलट गया था।गवाही के लिए कोर्ट में अपील करने के बाद खट्टा सिंह ने पत्रकारों से बात की। पहले गवाही से क्यों मुकरे, सवाल के जवाब में खट्टा सिंह ने कहा कि तब मैं डर गया था कि कहीं बाबा मुझे और मेरे बेटे को मरवा न दे।
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हाईकोर्ट का फैसला, हरियाणा में जाट समेत 6 जातियों के आरक्षण पर जारी रहेगी रोक
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों को पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण के लाभ पर अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा में जाट समेत 6 जातियों के आरक्षण पर लगी रोक को जारी रखा है। साथ ही हाईकोर्ट ने नेशनल बैकवर्ड कमीशन को 2018 तक रिपोर्ट देने को कहा है। यानि अब अब जाटों सहित छह जातियों को आरक्षण देने या नहीं देने का फैसला पिछड़ा वर्ग आयोग करेगा। जस्टिस एसएस सारों, जस्टिस लीजा गिल की खंडपीठ ने यह फ़ैसला सुनाया है।हरियाणा सरकार को 30 नवंबर तक बैकवर्ड कमीशन को क्वांटिफेबल डाटा उपलब्ध करवाना होगा। 31 दिसंबर तक इस डाटा को लेकर आपत्तियां दर्ज की जा सकती है तथा 31 मार्च से पहले बैकवर्ड कमीशन को जाट आरक्षण पर निर्णय लेना होगा। हाईकोर्ट में इन आदेशों के साथ ही जाटों को आरक्षण देने या ना देने का फैसला बैकवर्ड कमीशन पर छोड़ दिया है।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ़्तारी के बाद पंचकूला में हुई हिंसा को लेकर अभी भी हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की जमकर आलोचना हो रही है। ऐसे में खट्टर के लिए एक बार फिर इम्तहान की घड़ी आ गई है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान प्रदेश में भयंकर हिंसा हुई थी। इस आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं जाटों की तरफ से विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर आगजनी की गई थी जिसमें अरबों रुपए की संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था।
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दुष्कर्मी बाबा को बीस साल का सश्रम कारावास व 30 लाख जुर्माना, बेटे को मिल सकती है कमान
चंडीगढ़। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रोया, गिड़गिड़ाया, लेकिन कोर्ट ने उसके जघन्य अपराध को देखते हुए रहम नहीं किया। कोर्ट ने सोमवार को दो साध्वियों के यौन शोषण के दोषी सिद्ध हो चुके राम रहीम को दोनों केसों में दस-दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। उस पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस राशि में से 14-14 लाख दोनों पीडि़ताओं को मिलेंगे। पंचकूला में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने 25 अगस्त को राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की तीन धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की अस्मत से खिलवाड़) के तहत दोषी ठहराया था।वहीं बताया जा रहा है कि डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद राम रहीम का बेटा जमसीत इन्सां डेरे की कमान संभाल सकता है। डेरा प्रमुख की पत्नी ने जममीत इन्सां को डेरा सच्चा सौदा का प्रतिनिधि नियुक्त करने की इच्छा जाहिर की है। डेरा सच्चा सौदा की ओर से मंगलवार को इसपर फैसला लिये जाने की संभावना है।अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है। राम रहीम ने भावनाओं का दोहन किया है। उन बालिकाओं के साथ दुष्कर्म किया जो उसे पिता कहती थीं। भगवान मानती थीं। उस पर किसी तरह का रहम नहीं किया जाना चाहिए। उसे आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।
बचाव पक्ष के वकील ने राम रहीम की तरफ से चलाए जाने वाले समाज सेवा के कार्यों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राम रहीम ने समाज सेवा के 133 काम किए हैं। इसलिए कोर्ट को नरम रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने डेरा प्रमुख की जेल बदलने की भी मांग की।
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह दोपहर बाद ठीक 2: 30 बजे कोर्ट रूम पहुंचे। इसके बाद उन्होंने फाइल आदि देखी और 15 मिनट बाद की कार्यवाही शुरु कर दी। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों को सजा पर बहस के लिए दस-दस मिनट का समय दिया। दोनों पक्षों ने आवंटित किए गए समय में ही अपनी दलीलें पूरी कर लीं और उसके कुछ देर बाद सजा सुना दी गई।
रोहतक की सुनारिया जेल की लाइब्रेरी में बनाए गए अस्थायी कोर्ट रूम में सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम सिर पकड़कर जमीन पर बैठ गया और रोने लगा। उसे कोर्ट रूम से जबरदस्ती बाहर निकाला गया। जेल अधिकारियों के मुताबिक उसकी काउंसिलिंग भी की गई।
कोर्ट रूम से बाहर निकालने के बाद राम रहीम का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और बैरक में ले जाया गया। वहां उसे जेल में कैदियों को मिलने वाली पोशाक दी गई। अब उसे जेल के नियमों के तहत काम करना पड़ेगा। उसका कैदी नंबर भी बदला जाएगा जो अब तक 1997 था।
राम रहीम के पास अब सजा के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट जाने का विकल्प है। आज समय कम होने के कारण वह एेसा नहीं कर पाएगा, लेकिन बहुत संभव है कल वह हाई कोर्ट में अपील दायर करे। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रियों, मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की बैठक बुलाई। इसमें कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई।
बता दें, सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में विशेष कोर्ट लगाई गई। इससे पूर्व दोनों पक्षों को दलील देने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया गया। इस दौरान गुरमीत राम रहीम भी कोर्ट में मौजूद रहा और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे। वह रहम की अपील करता रहा। सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रेमियों ने सिरसा के फुल्का गांव में दो गाड़ियों में आग लगाई। इसकी सूचना भी कोर्ट को दी गई।
सुरक्षा का मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है। सजा के मद्देनजर सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में रहा। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह पंचकूला से हेलीकॉप्टर से पहुंचे। यह पहली बार हुआ जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई गई। डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने के बाद सीएम मनोहर लाल ने वरिष्ठ अफसरों और मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई और राज्य में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
सीबीआइ जज को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है। उन दो साध्वियों को भी कड़ी सुरक्षा दी गई है, जिन्होंने गुरमीत द्वारा यौनशोषण की बात कही थी। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की 26 कंपनियां तथा पुलिस तैनात की गई हैं। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। उपद्रवियों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
सीबीआइ कोर्ट ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की तीन धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) के तहत दोषी ठहराया है। पंचकूला में हुई आगजनी से सबक लेते सरकार ने रोहतक जेल के बाहर पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया। पुलिस और सुरक्षा बलों को मौके पर ही तुरंत एक्शन लेने व उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। हेलीकॉप्टर व ड्रोन से नजर रखी जा रही है। अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना स्टैंड बाई पर रहेगी।
डेरा प्रेमी हंगामा न करें इसके लिए सिरसा में गश्त करती आर्मी।
इस बीच डेरा प्रमुख को सजा के मद्देनजर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निवास और हरियाणा सचिवालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इन दोनों स्थानों को अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया है। सभी मार्गों पर नाकेबंदी कर दी गई है, ताकि कोई सीएम निवास पर पहुंच न सकें।
पंजाब में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पंजाब के चार जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। इनमें बरनाला, मानसा, बठिंडा व पटियाला शामिल हैं। पटियाला के सिर्फ समाना व पातड़ां में ही कर्फ्यू है। हरियाणा में सिरसा के अलावा अन्य सभी जगहों से कर्फ्यू हटा दिया गया है।
पंजाब के नाम चर्चा घरों को खाली करा पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस तैनात की गई है। स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी रहेगी। इंटरनेट सेवाएं व इंटर स्टेट बस सेवा भी बंद रहेगी। बसों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इंटरनेट सेवा पर रोक मंगलवार सुबह 11.30 बजे तक जारी रहेगी।
गुरमीत को दोषी करार दिए जाने के बाद प्रेमियों ने पंचकूला में वाहन फूंके थे।
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है। डेरा स्थित शाही आश्रम से लाए गए 34 बच्चों को सुरक्षित स्थान के लिए रवाना कर दिया गया है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी दर्शना ने बताया कि डेरे में अन्य शाही बेटियों को भी सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी है। फिलहाल सभी शाही आश्रम में बेटियां सुरक्षित हैं।पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद डेरा सच्चा सौदा व राम रहीम के निजी बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। डेरामुखी, उनके करीबियों व कर्मचारियों के अकाउंट के बाद तीन बैंकों के खातों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा सकते हैं। डेरे का सबसे ज्यादा लेन-देन ओबीसी और एचडीएफसी बैंक में हुआ है। इसके अलावा कई बैंकों में खाते हैं। कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लेन-देन हुआ है।
डेरा प्रेमियों के उपद्रव में मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को भड़की ङ्क्षहसा में जहां पंचकूला में कुल 32 लोगों की मौत हुई, वहीं सिरसा में छह डेरा समर्थक मारे गए।
पंचकूला में 25 अगस्त को हंगामा मचाते डेरा प्रेमी।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि पंचकूला हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वाले मुआवजे के हकदार नहीं है। साथ ही उन्होंने केंद्र से पंचकूला हिंसा की जांच की मांग की है। कैप्टन ने कहा कि हरियाणा ने पंजाब को कोई इनपुट नहीं दिया।गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीडि़ता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। डेरा प्रमुख को उक्त मामले में अदालत से जमानत तो मिल गई, परंतु पिछले लंबे समय से मामला पंचकूला की सीबीआई अदालत में चल रहा था। सीबीआइ कोर्ट ने 25 अगस्त को इस मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दे दिया था।
दिवंगत पत्रकार छत्रपति साहू के बेटे अंशुल छत्रपति ने गुरमीत राम रहीम को मिली सजा पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इतने साल पर पीड़ित को न्याय मिला। उनकी पिता की हत्या का आरोप भी गुरमीत पर है। उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में भी गुरमीत दोषी करार दिया जाएगा।
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राम रहीम को सजा आज ढाई बजे, उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश
सिरसा स्थित डेरा सच्चा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआइ की विशेष अदालत आज दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाएगी। मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में रहेगा। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में दोपहर बाद 2.30 बजे विशेष कोर्ट लगाई जाएगी।
यह पहली बार होगा जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई जाएगी। राम रहीम को न्यूनतम सात साल व अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। 15 साल पुराने इस मामले में सब्र और हिंसा के बाद पीडि़त साध्वियों को न्याय मिलेगा।
सीबीआइ कोर्ट ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की तीन धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (डराने-धमकाने) और 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) के तहत दोषी ठहराया है। वहीं, फैसले को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई अलर्ट पर हैं। पंचकूला में हुई आगजनी से सबक लेते सरकार ने रोहतक जेल के बाहर पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया है। पुलिस और सुरक्षा बलों को मौके पर ही तुरंत एक्शन लेने व उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। हेलीकॉप्टर व ड्रोन से नजर रखी जाएगी। अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना स्टैंड बाई पर रहेगी।
पंजाब में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पंजाब के चार जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। इनमें बरनाला, मानसा, बठिंडा व पटियाला शामिल हैं। पटियाला के सिर्फ समाना व पातड़ां में ही कर्फ्यू है। हरियाणा में सिरसा के अलावा अन्य सभी जगहों से कर्फ्यू हटा दिया गया है।
पंजाब के नाम चर्चा घरों को खाली करा पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस तैनात कर दी गई है। स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी रहेगी। इंटरनेट सेवाएं व इंटर स्टेट बस सेवा भी बंद रहेगी। बसों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इंटरनेट सेवा पर रोक मंगलवार सुबह 11.30 बजे तक जारी रहेगी।
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह हेलीकॉप्टर के जरिए पंचकूला से रोहतक में स्थित सुनारिया जेल पहुंचेंगे। उनकी सुरक्षा में एसपी स्तर के अधिकारी एवं कमांडो तैनात हैं। सजा सुनाने के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से किसी गुप्त स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा।
तीन साल से कम सजा होने पर सीबीआइ जज को जमानत पर छोडऩे का अधिकार है। इससे अधिक सजा की स्थिति में ऑर्डर मिलते ही दोषी जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन कर सकता है। चूंकि दुष्कर्म में न्यूनतम सात साल की सजा निर्धारित है, इसलिए राम रहीम के पास जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं। हाईकोर्ट के फैसले तक उसे जेल में ही रहना होगा।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद डेरा सच्चा सौदा व राम रहीम के निजी बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। डेरामुखी, उनके करीबियों व कर्मचारियों के अकाउंट के बाद तीन बैंकों के खातों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा सकते हैं। डेरे का सबसे ज्यादा लेन-देन ओबीसी और एचडीएफसी बैंक में हुआ है। इसके अलावा कई बैंकों में खाते हैं। कई फर्मों के नाम पर बैंकों से लेन-देन हुआ है।
डेरा प्रेमियों के उपद्रव में मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को भड़की ङ्क्षहसा में जहां पंचकूला में कुल 32 लोगों की मौत हुई, वहीं सिरसा में छह डेरा समर्थक मारे गए।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि पंचकूला हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वाले मुआवजे के हकदार नहीं है। साथ ही उन्होंने केंद्र से पंचकूला हिंसा की जांच की मांग की है। कैप्टन ने कहा कि हरियाणा ने पंजाब को कोई इनपुट नहीं दिया।
गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीडि़ता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है
आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। डेरा प्रमुख को उक्त मामले में अदालत से जमानत तो मिल गई, परंतु पिछले लंबे समय से मामला पंचकूला की सीबीआई अदालत में चल रहा था। सीबीआइ कोर्ट ने 25 अगस्त को इस मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दे दिया था।
-15 मई 2002 में एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को लिखा गया था।
-24 सितंबर 2002 को मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई।
-30 जुलाई 2007 को मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र पेश कर दिया।
-28 फरवरी 2009 को एक दुष्कर्म पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-9 सितंबर 2010 को दूसरी पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-30 जुलाई 2013 प्रमुख जांच अधिकारी सतीश डागर ने बयान दर्ज करवाए।
-2 नवंबर 2014 को डेरा प्रमुख ने बयानों में खुद को शारीरिक तौर पर सेक्स करने के लिए फिट नहीं होना बताया।
-17 अगस्त 2017 को कोर्ट ने 15 साल सुनवाई के बाद फैसले की तिथि सुना दी।
-25 अगस्त 2017 राम रहीम दोषी करार, रोहतक की सुनारिया जेल भेजे गए।
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हरियाणा में डेरा के 36 आश्रम सील, सरकार ने डेरा प्रमुख के भतीजे को डीएजी पद से हटाया
चंडीगढ़। साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा और पंजाब में तनाव बरकरार है। हालांकि शनिवार को दोनों ही राज्यों हालात शांतिपूर्ण रहे। 15 साल पुराने मामले में डेरा प्रमुख को रोहतक की सुनरिया जेल में ही सजा सुनाई जाएगी। डेरा मुखी के जेल जाने के प्रशासन ने हरियाणा में कार्रवाई करते हुए डेरा सच्चा सौदा के 36 आश्रमों को सील कर दिया। जबकि हरियाणा सरकार ने राम रहीम के भतीजे को गुरदास सिंह सलवारा को डिप्टी एडवोकेट जनरल पद से बर्खास्त कर दिया है। सीबीआइ कोर्ट डेरा प्रमुख को 28 अगस्त को सजा सुनाएगी।
डेरा प्रमुख पर सजा की सुनवाई के लिए सीबीआइ कोर्ट को एक दिन के लिए सुनरिया जेल में शिफ्ट किया गया है। यहां सीबीआइ जज जेल में ही कोर्ट लगाएंगे और डेरा मुखी को सजा सुनाई जाएगी। यह फैसला पंचकूला में कोर्ट के फैसले के बाद भड़की हिंसा के मद्देनजर लिया गया है।
दंगाई बने डेरा मुखी के समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने अब डेरा की हर तरह की चल और अचल संपत्ति सहित डेरे की आय तथा डेरे के सभी बैंक खातों का पूरा ब्यौरा मंगलवार को हाईकोर्ट को दिए जाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने साफ किया कि अगले आदेशों तक डेरे की कोई संपत्ति न तो बेची जा सकती और न ही आगे ट्रांसफर ही की जा सकती है। हाई कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि, राज्य सरकार ने महज अपने वोट बैंक के लिए डेरा समर्थकों के आगे एक तरह से समर्पण ही कर दिया था। सुरक्षा के जो इंतजाम किये गए थे उससे तो यही साबित हुआ है वह डेरा समर्थकों की शहर में आ रही भीड़ को रोकने के लिए नहीं बल्कि उनको न्यौता देने के लिए किये गए हैं। हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को पेशी के लिए पंचकूला तक लाने के दौरान दिये गए स्पेशल ट्रीटमेंट पर सरकार को खरी-खरी सुनाई।
हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू और मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने प्रेस वार्ता में डेरा मुखी को वीआईपी ट्रीटमेंट देने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख के साथ सुनरिया जेल में सामान्य कैदी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। डीजीपी ने बाबा के सिक्योरिटी गार्ड द्वारा हरियाणापुलिस के आइजी रैंक के अधिकारी को थप्पड़ मारने से भी इंकार किया। ढेसी के मुताबिक अदालत का फैसला आते ही बाबा की जेड प्लस सुरक्षा खत्म हो गई थी। वहीं सिरसा के सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) परमजीत सिंह चहल ने कहा है कि सेना को डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में प्रवेश का आदेश नहीं दिया गया है वहीं गुरमीत राम रहीम के नाराज अनुयायी परिसर में जमे हुए हैं।
सीबीआइ कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी बेटी के साथ हेलीकॉप्टर में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम।
डेरा प्रमुख पर फैसले के बाद भड़की हिंसा और तनाव को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है तो सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
शाह ने हरियाणा के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अनिल जैन के साथ दिल्ली भाजपा मुख्यालय में हालात पर चर्चा की। डेरा हिंसा पर हरियाणा के एएसजी सत्यपाल जैन ने अपने बयान में कहा कि केवल पंचकुला में 28 लोगों की मौत हो गयी। केंद्र और भाजपा नेतृत्व ने पूरे मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को क्लीन चिट दी है। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि सीएम के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता।
डेरा प्रेमियों द्वारा की गई हिंसा और तोड़फोड़ पर प्रशासन एक्शन मोड में है। हरियाणा में डेरे के 36 आश्रमों को सील कर दिया गया है। पुलिस डेरों की तलाशी ले रही है, जबकि जिला प्रशासन व पुलिस ने कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, कैथल, समेत 36 डेरों को सील कर दिया है।
कैथल में डेरा सच्चा सौदा के आश्रम में कार्रवाई के दौरान पुलिस।
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राम रहीम के समर्थक हुए उग्र, 5 राज्यों में हिंसा, 30 लोगों की मौत
चंडीगढ़। रेप के पुराने मामले में शुक्रवार को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने बाबा राम रहीम को दोषी करार दे दिया है। एक गुमनाम पत्र पर लिए गए संज्ञान के करीब 15 साल बाद अदालत ने फैसला सुनाते हुए डेरा प्रमुख को दोषी करार दिया। राम रहीम पर आए फैसले के बाद डेरा समर्थक अनियंत्रित हो गए हैं। पंजाब और हरियाणा में भड़की हिंसा की आग यूपी, दिल्ली और राजस्थान तक फैल गई है। हरियाणा के पंचकूला में ही हिंसा से 30 लोगों की मौत हो गई है। राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें रोहतक लाया गया है। सजा पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को की जाएगी। जज जगदीप सिंह ने पूरा फैसला पढ़ा।
अदालत के फैसले के बाद बाबा समर्थक बेकाबू हो गए हैं। भड़के समर्थकों ने पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की है। पंचकूला में उपद्रवियों ने मलोट रेलवे स्टेशन और एक पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया गया है। जबकि मीडिया की तीन ओबी वैन में भी आग लगा दी गई है। इसके अलावा आयकर दफ्ते पर भी आगजनी हुई है। वहीं हिंसा में 17 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 200 लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हिंसा को देखते हुए पंजाब के बठिंडा, मनसा और मुक्तसर में कर्फ्यू लगाया गया है। राम रहीम पर आए फैसले के बाद कोर्ट के बाहर डेरा समर्थकों व पुलिस में झड़प हो गयी थी। जिस पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। सिरसा समेत कई इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान भी सिरसा पहुंच गए हैं। कई जिलों में तमाम स्कूलों व कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर दिल्ली की सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत में धारा 144 लगाई गई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पंचकूला हिंसा की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए।
उधर हिंसा से नाराज पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए डेरा की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि कहा कि जरूरत पड़ने पर डेरे की संपत्ति अटैच कर नुकसान की भरपाई की जा सकती है। क्योंकि डेरे ने वादा किया था कि नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने दावा किया है कि अब स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि राम रहीम के समर्थकों को तितर-बितर कर दिया गया है। वहीं प्रदेश के एडीजीपी(लॉ एण्ड ऑर्डर) मोहम्मद अकील ने कहा कि बाबा के एक हजार समर्थकों को हिरासत में लिया गया है।
हालात बिगड़ते देख हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत भी की है।
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने डेरा समर्थकों से अपील करते हुए कहा, कोर्ट का फैसला हम लागू कराएंगे। उन्होंने आगे कहा कि पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून-व्यवस्था की जानकारी ली है। साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। बता दें कि शुक्रवार सुबह 9.05 बजे राम रहीम सिरसा आश्रम से पंचकूला कोर्ट के लिए रवाना हो गए थे। सिरसा से रवानगी के वक्त राम रहीम के साथ 800 गाड़ियों का काफिला चला था।
एक दिन पहले गुरुवार को डेरा प्रमुख ने ट्वीट कर कहा था कि वे कोर्ट में पेश होंगे। कोर्ट में पेशी उनकी अपनी जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार उन्हें हवाई मार्ग के जरिए यहां लाने में मदद कर सकती है। मने सदा कानून का सम्मान किया है। हालांकि हमारी कमर में दर्द है, फिर भी कानून की पालना करते हुए हम कोर्ट जरूर जाएंगे। सभी शांति बनाए रखें। हमें भगवान पर दृढ़ भरोसा है -संत गुरमीत राम रहीम सिंह, डेरा प्रमुख।
समर्थकों से बाबा ने की शांति की अपील
अपने समर्थकों से शांति की अपील करते हुए बाबा राम रहीम ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें समर्थकों को अपने घर में रहने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मैं स्वर्ग में जाकर फैसला सुनूंगा।
बाबा की गाड़ियां जैसे ही सिरसा से निकलीं, कई समर्थक उनकी गाड़ियों के आगे लेट गए, लोगों ने उन्हें आगे से हटाया। इसके बाद कैथल में राम रहीम के समर्थकों ने करीब 40 मिनट तक काफिले को रोके रखा। वे सड़क पर लेट गए और सुरक्षाकर्मियों को उन्हें हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच अंबाला में पुलिस और समर्थकों के बीच बहस हो गयी। दरअसल हाईवे से पुलिस द्वारा समर्थकों को हटाया जा रहा था। इससे पहले काफिले में तीन गाड़ियों के आपस में टकराने की भी खबर मिली थी।
अधिकारियों ने पंचकूला के लिये बस और रेल सेवा भी रोक दी है। रेल विभाग ने पंजाब और हरियाणा जाने वालीं 29 ट्रेनों को आज से चार दिन के लिए रद्द कर दिया है। पंजाब जाने वाली 22 और हरियाणा जाने वाली सात ट्रेनें रद्द की गई हैं। परिचालन की स्थिति में चार दिनों ये ट्रेनें कुल 74 चक्कर लगातीं।
डेरा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई ने 2002 में यौन शोषण का मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया था। इससे पहले दो महिला अनुयायियों के कथित यौन शोषण के बारे में पर्चे बांटे गए थे। सिंह पर हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा परिसर के भीतर दुष्कर्म का आरोप है। पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था। साथ ही इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीडि़ता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है। आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
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IAS की बेटी से छेड़छाड़ के मामले में घिरे BJP अध्यक्ष बराला नहीं देंगे इस्तीफा!
चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामले में बीजेपी के अंदर ही गतिरोध पैदा हो गया है। बीजेपी के कई नेताओं ने हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला को इस्तीफा देने की सलाह दी है। हालांकि बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि बराला इस्तीफा नहीं देंगे। ये मामला उनके बेटे से जुड़ा है, इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
इससे पहले, कुरूक्षेत्र के बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी ने कहा, किसी का अपहरण करने की कोशिश करना गंभीर अपराध है। इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 90 फीसदी लड़कियां ऐसे मामले में सामने नहीं आती। इसलिए इस लड़की ने बहुत हिम्मत दिखाई है। पीड़िता के हौसले कितने बुलंद हैं, उसके उस बयान से अंदाजा लगा सकते हैं, जो उसने मीडिया वालों के चेहरा ढंक कर बाइट देने पर कहा। पीड़िता का कहना है कि वह अपना मुंह क्यों छिपाए। चेहरा तो उन्हें छिपाना चाहिए, जिन्होंने ये हरकत की है। उसके बाद उसने बिना चेहरा ढंके मीडिया को बयान दिया।
सैनी ने कहा कि विपक्ष के सरकार को घेरेने से पहले ही सुभाष बराला को इस्तीफा दे देना चाहिए। यही नैतिकता है।
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IAS की बेटी से छेड़छाड़ मामले में इन पांच सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रही BJP
आम आदमी पार्टी (आप) ने चंडीगढ़ में युवती के साथ हुयी छेड़छाड़ मामले में भाजपा और केंद्र व हरियाणा सरकार पर हमला बोला है। भाजपा को महिला विरोधी पार्टी करार देते हुये आप ने आरोप लगाया है कि सरकारी तंत्र का बेजा इस्तेमाल करके हरियाणा भाजपा अध्यक्ष के बेटे को बचाने की कोशिश हो रही है। पार्टी ने मामले के आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है। पार्टी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुये आप विधायक अलका लांबा ने कहा कि जिस तरह का वाकया चंडीगढ़ में सामने आया है वो बेहद ही निंदनीय है।हरियाणा भाजपा अध्यक्ष के बेटे ने सरेराह एक युवती से बदसलूकी की है। इससे जाहिर होता है कि उस पर सत्ता का नशा इस कदर हावी था कि भारी सुरक्षा व्यवस्था वाले चंडीगढ़ में युवती के साथ छेड़छाड़ की। वहीं, दिल्ली महिला विंग की प्रदेश संयोजक रिचा पांडे मिश्रा ने कहा कि भाजपा नेता के बेटे का कृत्य शर्मनाक है। भाजपा व उसके नेता बेटियों का सम्मान को कुचलने की मंशा रखती है। इससे भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आता है।
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