सेंसेक्स 351 अंक चढ़कर सर्वकालिक उच्चस्तर पर, निफ्टी का भी नया रिकॉर्ड, 22,514 पर हुआ क्लोज
बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 350.81 अंक यानी 0.47 प्रतिशत बढ़कर 74,227.63 के अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 74,501.73 के उच्चतम और 73,485.12 के निचले स्तर पर भी रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी 80 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,514.65 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया
मुंबई। नीतिगत ब्याज दर में स्थिरता और कंपनियों के मजबूत तिमाही प्रदर्शन की उम्मीदों के बीच घरेलू शेयर बाजार के मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी बृहस्पतिवार को आधा प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकॉर्ड नई ऊंचाई पर पहुंच गए। शेयर बाजारों में इस तेजी के पीछे सूचना प्रौद्योगिकी, टिकाऊ उपभोक्ता सामान और वित्तीय शेयरों में खरीदारी की अहम भूमिका रही। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 350.81 अंक यानी 0.47 प्रतिशत बढ़कर 74,227.63 के अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 74,501.73 के उच्चतम और 73,485.12 के निचले स्तर पर भी रहा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 80 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,514.65 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया। निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 31 बढ़त के साथ बंद हुए। इस तेजी के साथ बाजार पिछले दो सत्र की गिरावट से उबरने में सफल रहा। सेंसेक्स का पिछला उच्चतम स्तर सात मार्च को 74,119.39 अंक दर्ज किया गया था। वहीं निफ्टी का पिछला रिकॉर्ड 22,493.55 अंक का था। सेंसेक्स के समूह में शामिल 20 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। इनमें एचडीएफसी बैंक, टाइटन, टेक महिंद्रा, एशियन पेंट्स, टीसीएस, मारुति, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व भी शामिल हैं।
इसके उलट एसबीआई, भारती एयरटेल, जेएसडब्ल्यू स्टील, पावरग्रिड, आईटीसी और रिलायंस के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई लार्जकैप सूचकांक में 0.34 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 0.54 प्रतिशत की बढ़त रही जबकि मिडकैप 0.11 प्रतिशत के नुकसान में रहा। घरेलू बाजारों ने नीतिगत दर रेपो पर शुक्रवार को आने वाले फैसले के पहले एक सीमित दायरे में सकारात्मक कारोबार किया। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर पर चर्चा चल रही है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘व्यापक बाजार ने मजबूत व्यावसायिक स्थितियों को दर्शाते हुए समग्र पीएमआई आंकड़ों के आधार पर अच्छे तिमाही नतीजों और निर्यात की उम्मीद में बैंकों जैसे चुनिंदा क्षेत्रों में जुझारूपन दिखाया है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त में रहे जबकि हांगकांग और शंघाई के बाजार छुट्टी के कारण बंद रहे। यूरोपीय बाजार सकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बुधवार के सत्र में मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.36 प्रतिशत चढ़कर 88.67 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,213.56 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।
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जल्द ही 70 हजार रुपये का आंकड़ा पार करेगा सोना, कीमत में लगातार आ रहा उछाल
इससे पहले 1 अप्रैल को भी सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया था। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहली बार सोने की कीमत 69000 के पार हुई थी। सोने की कीमत 69,487 रुपए पर पहुंची थी। सोनी के साथ चांदी की कीमतों में भी लगातार तेजी देखने को मिल रही है।
सोने की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। नहीं वित्त वर्ष में भी सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। सोने की कीमत आए दिन नए रिकॉर्ड बनाती जा रही है। इसी के साथ सोने का दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच रहा है।
इसी कड़ी में सोने की कीमतों में बुधवार 3 अप्रैल को लाइफटाइम हाई लेवल पर पहुंच गई है। सोने की कीमतें 70,000 रुपए का रिकॉर्ड आंकड़ा छूने में कुछ ही दूर है। एमसीएक्स पर बुधवार को सोने की कीमत 69,699 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। इससे पहले मंगलवार को यह कीमत 68,928 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।बता दें कि इससे पहले 1 अप्रैल को भी सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया था। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहली बार सोने की कीमत 69000 के पार हुई थी। सोने की कीमत 69,487 रुपए पर पहुंची थी। सोनी के साथ चांदी की कीमतों में भी लगातार तेजी देखने को मिल रही है। चांदी की कीमत 77,962 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गई है।अबतक के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी के रुख की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने का भाव 50 रुपये की गिरावट के साथ 68,370 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 68,420 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत 430 रुपये की तेजी के साथ 79,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 78,570 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। विदेशी बाजारों में, कॉमेक्स में हाजिर सोना 2,255 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से दो डॉलर कम है।
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विस्तारा एयरलाइन के 15 पायलट दे चुके हैं इस्तीफा : सूत्र
मुंबई। वेतन पैकेज में संशोधन का विरोध कर रहे विस्तारा एयरलाइन के 15 पायलटों ने पिछले कुछ दिन में एयरलाइन से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह एयरलाइन प्रतिदिन 300 से कुछ अधिक उड़ानों का परिचालन करती है और इसके पास 70 विमानों का बेड़ा है। टाटा समूह की एयरलाइन विस्तारा पिछले कुछ सप्ताह से पायलटों के बीच बढ़ते असंतोष से जूझ रही है। इस दौरान एयरलाइन के ए320 विमानों के कई पायलट खुद को अस्वस्थ बताते हुए अनुपस्थित हो गए। सूत्रों के मुताबिक, विस्तारा के कम-से-कम 15 पायलटों ने इस्तीफा दे दिया है और एक घरेलू किफायती एयरलाइन से जुड़ गए हैं। हालांकि, इस बारे में विस्तारा के प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एयरलाइन में लगभग 800 पायलट हैं और इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ प्रथम अधिकारियों ने अपना रूपांतरण प्रशिक्षण पूरा कर लिया था जिससे उन्हें बड़े आकार के बोइंग 787 विमानों को संचालित करने की अनुमति मिली। एयर इंडिया के साथ विलय योजना के दौर से गुजर रही विस्तारा ने पायलटों के लिए नए अनुबंध पेश किए हैं। लेकिन विस्तारा के कई पायलट इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि मुआवजे के निश्चित घटक को कम कर दिया गया है और उड़ान-संबद्ध प्रोत्साहनों पर जोर दिया गया है। पिछले कुछ सप्ताह में चालक दल की अनुपलब्धता होने से विस्तारा के विमान परिचालन पर असर पड़ा है और कई उड़ानों को रद्द करना पड़ रहा है। इस पर विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइन को एक दैनिक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
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दिल्ली में सोना 1,070 रुपये चढ़कर 68,420 रुपये के नए रिकॉर्ड स्तर पर
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में मजबूती के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 1,070 रुपये के उछाल के साथ 68,420 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 67,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,120 रुपये की तेजी के साथ 78,570 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 77,450 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती के करीब पहुंच रहा है जिससे सर्राफा कीमतों में बढ़ोतरी को रफ्तार मिल रही है। ‘‘इसके अतिरिक्त चीन की मजबूत मांग भी सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण बन रही है।’’ इस बीच, एमसीएक्स के वायदा कारोबार में सोने के जून अनुबंध का भाव 978 रुपये चढ़कर 68,679 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। चांदी के मई अनुबंध का भाव 763 रुपये की तेजी के साथ 75,811 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।
विदेशी बाजार कॉमेक्स में हाजिर सोने की कीमतें 2,265.73 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस तक चढ़ गईं और अंतिम बार इसका भाव 2,257.10 डॉलर प्रति औंस बोला गया। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में ईबीजी - जिंस एवं मुद्रा शोध विभाग के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ‘‘विदेशी वायदा में सोना 2,280 डॉलर प्रति औंस से ऊपर और एमसीएक्स वायदा में 69,487 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि अमेरिकी वृद्धि के आंकड़े उम्मीद से बेहतर हैं और मुद्रास्फीति 2.5 प्रतिशत से ऊपर है, जो फेडरल रिजर्व की जून बैठक में ब्याज दर में अपेक्षित कटौती के बारे में चिंता पैदा करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डॉलर इंडेक्स स्थिर कारोबार कर रहा है क्योंकि ईस्टर की छुट्टियों के कारण आज कई बाजार बंद हैं।’’ चांदी भी बढ़त के साथ 25.13 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। पिछले सत्र में यह 24.55 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था। बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान में एसोसिएट उपाध्यक्ष बुनियादी मुद्रा एवं जिंस प्रवीण सिंह ने कहा, ‘‘इसके अलावा, सोमवार को मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) सहित प्रमुख अमेरिकी आंकड़े जारी किए जाएंगे, जो फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के दृष्टिकोण को आगे की दिशा प्रदान करेंगे।
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मुकेश अंबानी और गौतम अडानी एक साथ करेंगे काम, MP की इस परियोजना में रिलायंस ने 26% हिस्सेदारी ली
मुकेश अंबानी की रिलायंस अडानी की 500MW सोर्सिंग वाली महान एनर्जी यूनिट में 26% हिस्सेदारी खरीदेगी। यह सौदा 20 वर्षों के लिए विशेष बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करता है। अदानी और अंबानी, उद्योग प्रतिद्वंद्वी, अघोषित उपयोग योजनाओं के साथ एक रणनीतिक बिजली समझौते में उद्यम करते हैं। दोनो ही उद्योगपति एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी माने जाते है।पहली बार देश के सबसे धनी अरबपति, जो दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपतियों में भी शामिल हैं, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी , एक 'बिजली' सौदे में प्रवेश कर रहे हैं। अंबानी अडानी की एक बिजली इकाई में अल्पमत हिस्सेदारी लेंगे, उनकी कंपनियों ने गुरुवार को घोषणा की। अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज अदानी पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी महान एनर्जी में 50 करोड़ रुपये में 26% हिस्सेदारी खरीदेगी और अपनी आवश्यकताओं के लिए मध्य प्रदेश संयंत्र से 500 मेगावाट बिजली प्राप्त करेगी। भारत के बिजली नियमों की बदौलत यह विकास, दोनों कॉरपोरेट्स को 20 वर्षों के लिए एक विशेष बिजली व्यवस्था में लाता है। अदानी पावर ने कहा कि एमपी में उसके महान थर्मल पावर प्लांट की 600MW क्षमता की एक इकाई को नियमों के अनुरूप कैप्टिव यूनिट के रूप में नामित किया जाएगा।नियमों का लाभ उठाने के लिए, रिलायंस इंडस्ट्रीज को कैप्टिव यूनिट में रणनीतिक 26% हिस्सेदारी लेनी होगी और तदनुसार, निवेश करना होगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह खुलासा नहीं किया कि वह महान एनर्जी से प्राप्त बिजली का उपयोग कहां करना चाहती है। सभी नियामक मंजूरी मिलने के दो सप्ताह के भीतर सौदा पूरा होने की उम्मीद है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास पहले से ही गुजरात में अपने तेल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में कैप्टिव पावर प्लांट हैं। दोनों उद्योगपति, जो गुजरात से हैं, उद्योग टिप्पणीकारों द्वारा अक्सर प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं और विभिन्न अमीरों की सूची में उन्हें पीछे छोड़ते हुए देखा जाता है। हालांकि, दोनों ने अलग-अलग व्यवसायों पर अपना साम्राज्य बनाया है। जहां अंबानी की रुचि तेल और गैस, खुदरा, दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं में है, वहीं अडानी का ध्यान हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमेंट तक फैले बुनियादी ढांचे पर है। हाल के दिनों में मीडिया, स्वच्छ ऊर्जा और डेटा सेंटर जैसे कुछ व्यवसायों को छोड़कर दोनों ने शायद ही कभी एक-दूसरे के रास्ते पार किए हों। दो साल पहले, अंबानी से संबंध रखने वाली एक कंपनी ने समाचार प्रसारक एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी अडानी को बेच दी थी, जो मीडिया क्षेत्र में अडानी की पहली बड़ी भूमिका थी । इस सौदे ने उन्हें अंबानी के खिलाफ खड़ा कर दिया, जो भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनियों में से एक नेटवर्क 18 चलाते हैं। दोनों उद्योगपतियों ने स्वच्छ ऊर्जा में अरबों डॉलर की प्रतिबद्धताओं का भी वादा किया है क्योंकि उनका लक्ष्य 2050 तक शून्य शुद्ध कार्बन उत्सर्जन हासिल करना है।
इस महीने की शुरुआत में, अडानी और उनका परिवार, पत्नी और बच्चों सहित, अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत के विवाह पूर्व समारोह में शामिल हुए थे। गुजरात मे अपने पिता और कंपनी के संस्थापक की मृत्यु के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान संभालने वाले अंबानी की कुल संपत्ति $117 बिलियन है और फोर्ब्स द्वारा उन्हें दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति का दर्जा दिया गया है। अडानी भी इस लिस्ट में ज्यादा पीछे नहीं हैं। पहली पीढ़ी के उद्यमी, जिन्होंने कमोडिटी ट्रेडिंग से शुरुआत की, फोर्ब्स के अनुसार, अदानी की कुल संपत्ति 81 बिलियन डॉलर है और वह वैश्विक स्तर पर 17वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में सूचीबद्ध हैं।
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भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है : IMF कार्यकारी निदेशक सुब्रमण्यम
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यम ने कहा कि अगर देश पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर सके और सुधारों में तेजी लाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। सुब्रमण्यम ने कहा कि स्पष्ट रूप से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर महत्वाकांक्षी है क्योंकि भारत पहले लगातार आठ प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ पाया है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है। वेंकट सुब्रमण्यम ने ‘टाइम्स नाउ समिट’ में बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ पिछले 10 वर्षों में भारत ने जिस तरह की वृद्धि दर्ज की है, अगर हम पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर सकते हैं और सुधारों में तेजी लाएं तो भारत यहां से 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है।’’ भारत की अर्थव्यवस्था 2023 के अंतिम तीन महीनों में उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले डेढ़ साल में सबसे तेज गति है। अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर के दम पर चालू वित्त वर्ष के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया। सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘ अगर भारत आठ प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो 2047 तक भारत 55000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।’’ आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक ने रोजगार सृजन के लिए विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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सेबी ने बदले कई नियम, शेयर बेचना-खरीदना आसान हुआ, FPI और IPO लाने वाली कंपनियों को भी बड़ी राहत
मुंबई: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को हुई बोर्ड मीटिंग में व्यापार को आसान और बेहतर बनाने के लिए कई उपायों को मंजूरी दी। इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये धन जुटाने वाली कंपनियों से जुड़े नियम शामिल हैं।बैठक में 25 कंपनियों के शेयरों के साथ ट्रेडिंग के दिन निपटान (टी+0) प्रणाली का बीटा संस्करण लांच करने को भी मंजूरी दी गई। सेबी ने कहा कि बीटा वर्जन के यूजर्स समेत सभी के हित और परामर्श को ध्यान में रखेगा। T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन (T+0 Beta Version) लॉन्च होने के बाद निवेशकों और ट्रेडर्स को शेयर बेचते ही पूरी रकम मिल जाएगी।
सेबी ने बताया कि बोर्ड बैठक में आईपीओ या राइट्स इश्यू लाने के लिए जमा की जाने वाली एक प्रतिशत सुरक्षा राशि की जरूरत को खत्म करने का फैसला लिया गया है। साथ ही अप्रत्याशित घटना के चलते ऑफर समापन की तिथि को आगे बढ़ाने की छूट दी गई है। इससे आईपीओ लाने वाली कंपनियों को लाभ होगा।
बोर्ड ने एफपीआई की ओर से भौतिक जानकारी देने की समय-सीमा में भी ढील को भी मंजूरी दी है। अभी एफपीआई को अपने डीडीपी को पहले से दी गई जानकारियों में किसी बड़े बदलाव का खुला 7 वर्किंग डेज के भीतर करना होता है। लेकिन, अब FPI के किसी बदलाव के बारे में बताने और उससे जुड़े दस्तावेज जमा करने के लिए 30 दिन की मोहलत होगी।
सेबी ने कहा कि नए उपायों की तिमाही आधार पर समीक्षा की जाएगी और उसी के आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा।
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बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के शेयर में उछाल की वजह से बाजार हुआ
सेंसेक्स 281 अंक यानी 0.39 फीसदी उछाल के साथ 72,708 अंक पर बंद, निफ्टी 81 अंक यानी 0.37 फीसदी की उछाल के साथ 22,122 अंक के स्तर पर बंद हुआ। आज के कारोबार में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, बैंकिंग, ऑटो, फार्मा, एनर्जी, इंफ्रा, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस सेक्टर के स्टॉक्स शानदार तेजी के साथ बंद हुए।
भारतीय शेयर बाजार के लिए हफ्ते का पहला कारोबारी दिन बेहद शानदार रहा है।आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए हैं। सेंसेक्स 281 अंक यानी 0.39 फीसदी उछाल के साथ 72,708 अंक पर बंद, निफ्टी 81 अंक यानी 0.37 फीसदी की उछाल के साथ 22,122 अंक के स्तर पर बंद हुआ। आज के कारोबार में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, बैंकिंग, ऑटो, फार्मा, एनर्जी, इंफ्रा, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस सेक्टर के स्टॉक्स शानदार तेजी के साथ बंद हुए। जबकि सरकारी कंपनियों के इंडेक्स, रियल एस्टेट, सरकारी बैंकों के इंडेक्स और आईटी स्टॉक्स का इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ है।
NSE Nifty पर GRASIM के शेयर 3.09 फीसदी के उछाल के साथ, BAJAJFINSV में 2.71 फीसदी, BAJAJ-AUTO में 2.27 फीसदी, CIPLA में 2.13 फीसदी की BHARTIARTL में 1.91 में बढ़त देखने को मिल रही है।
NSE Nifty पर COALINDIA में 4.24 फीसदी, LT में 1.35 फीसदी, SBILIFE में 1.30 फीसदी, WIPRO में 1.29 फीसदी और HDFCLIFE में 1.16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
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FPI ने फरवरी में अबतक शेयरों से 3,776 करोड़ रुपये निकाले
आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अबतक (16 फरवरी तक) शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 3,776 करोड़ रुपये की निकासी की है। इससे पहले उन्होंने जनवरी में शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे। इसके साथ, इस साल उनकी कुल निकासी 29,519 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।
नयी दिल्ली। अमेरिकी में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने और घरेलू तथा वैश्विक मोर्चे पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से3,776 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। हालांकि, विदेशी निवेशक ऋण या बॉन्ड बाजार को लेकर उत्साहित हैं और समीक्षाधीन अवधि में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 16,560 करोड़ रुपये डाले हैं। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अबतक (16 फरवरी तक) शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 3,776 करोड़ रुपये की निकासी की है। इससे पहले उन्होंने जनवरी में शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे। इसके साथ, इस साल उनकी कुल निकासी 29,519 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अपेक्षा से अधिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति के कारण अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ा है जिससे एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं।’’ मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा, ताजा बिकवाली की वजह घरेलू और वैश्विक स्तर पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता भी है। आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले जनवरी में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 19,836 करोड़ रुपये डाले थे। दिसंबर में उन्होंने 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
सितंबर 2023 में, जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी ने घोषणा की थी कि वह जून, 2024 से अपने बेंचमार्क उभरते बाजार सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करेगी। इस कदम ने पिछले कुछ महीनों में देश के बॉन्ड बाजारों में प्रवाह बढ़ा है। कुल मिलाकर, 2023 के लिए कुल एफपीआई प्रवाह शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपये और ऋण बाजारों में 68,663 करोड़ रुपये रहा। कुल मिलाकर पूंजी बाजार में उनका निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा था।
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Paytm Crisis: RBI गवर्नर ने किया खुलासा, बताया क्यों की पेटीएम पेमेंट बैंक पर कार्रवाई
शक्तिकांत दास ने बताया है कि पेटीएम मामले को लेकर व्यवस्था के बारे में चिंता की कोई बात नहीं है। हम केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक की बात कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, कहा कि हमारा जोर हमेशा RBI के नियामकीय दायरे में आने वाली इकाइयों के साथ द्विपक्षीय गतिविधियों पर होता है। हमारा ध्यान हर कंपनी को सही कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने पर होता है।
पिचले कई दिनों से लगातार पेटीएम चर्चा में है। 31 जनवरी 2024 को पेटीएम पेमेंट बैंक पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के एक्शन के बाद से ही Paytm के शेयरों में भी लगातार गिरावट जारी है। अब आरबीआई गवनर्र शक्तिकांत दास ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर की गई कार्रवाई के बारे में बात की है।
दरअसल, शक्तिकांत दास ने बताया है कि पेटीएम मामले को लेकर व्यवस्था के बारे में चिंता की कोई बात नहीं है। हम केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक की बात कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारा जोर हमेशा RBI के नियामकीय दायरे में आने वाली इकाइयों के साथ द्विपक्षीय गतिविधियों पर होता है। हमारा ध्यान हर कंपनी को सही कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने पर होता है। जब बैक वा NBFC प्रभावी कदम नहीं उठाते हैं तो हम कारोबार से जुड़ी पाबंदियां लगाते हैं।
वहीं RBI गवर्नर ने आगे कहा कि आरबीआई, पेटीएम पेमेंट बैंक को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में लोगों की चिंताओं को दूर करेगा। इसके लिए अगले सप्ताह एक FAQ जारी किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार रेगुलेटर होने के चलते व्यवस्था के स्तर पर स्थिरता या जमाकर्ताओं या ग्राहकों के हितों के संरक्षण को ध्यान में रखकर ही हम कदम उठाते हैं। वहीं आरबीआई गवर्नर ने पेटीएम का नाम लए बगैर इशारा किया है कि अगर सभी चीजों का अनुपालन किया गया होता, केंद्रीय बैंक किसी विनियमन वाली इकाई के खिलाफ कार्रवाई क्यों करता।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने भी पेटीएम पेमेंट बैंक पर की गई कार्रवाई पर बात की है। उन्होंने कहा कि, लगातार गैर-अनुपालन के बारे में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की गई। सुधारात्मक कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया। फिलहाल, पेटीएम की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि, हम अपने यूजर्स और मर्चेंट पार्टनर को भरोसा दिलाते हैं कि पेटीएम ऐप पूरी तरह से काम कर रहा है। और हमारी सर्विसेज प्रभावित नहीं हुई हैं। पेटीएम, मोबाइल पेमेंट इनोवेशन में लीड करता रहेगा और हम बिना बाधा सर्विसेज ऑफर करने के लिए बैंकों के साथ पार्टनरशिप बढ़ा रहे हैं।
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